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                                               दैनिक जीवन में विज्ञान


 *  दैनिक जीवन में विज्ञान की भूमिका
*  परम्परागत एवं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान की भूमिका ।
*  विज्ञान के अविवेकपूर्ण उपयोग से उत्पन्न समस्याएँ 
*  भारतीय एवं अन्य देशों के वैज्ञानिकों का विज्ञान के क्षेत्र में योगदान
मनुष्य स्वभाव से सदैव ही जिज्ञासु प्रवृत्ति का रहा है / उसे हमेशा अपने आस-पास की दुनिया में घटने वाले प्रत्येक  घटनाक्रम में कब, कहाँ, कैसे और क्यों जैसे प्रश्नों के उत्तर ढूढ़ने की उत्सुकता होती है। वास्तव में विज्ञान की शुरुआत  इसी उत्सुकता से होती है। 
                  
                       आइए, एक जिज्ञासु बालिका सीमा द्वारा उठाये गये प्रश्नों एवं जिज्ञासाओं द्वारा इसे समझने का प्रयास करें। सीमा कभी अपनी माँ से पूछती, “कोई भी चीज ऊपर फेंकने या छोड़ने के बाद जमीन पर क्यों गिर जाती है ? प्रेशर कुकर में खाना जल्दी कैसे बन जाता है ? दूध से दही कैसे बन जाता है ? फ्रिज में सामान ठण्डा कैसे रहता है ? चिड़िया कैसे  उड़ती है ?” उसकी माँ इन प्रश्नों का जवाब नहीं दे पाती थी उसकी माँ ने कहा, “मैं इन सवालों के जवाब नहीं जानती हूँ, आप अपनी शिक्षिका से पूछ लीजिएगा।
                       
                       दूसरे दिन सीमा ने वही सवाल कक्षा में अपनी शिक्षिका से भी पूछा। शिक्षिका ने सीमा को समझाते हुए कहा कि आपके सभी सवाल हमारे आस-पास की दुनिया से सम्बन्धित हैं। मनुष्य में हर चीज़ को जानने समझने की उत्सुकता होती है। यह उत्सुकता देखने, छूने, सूंघने, स्वाद चखने या सुनने के कारण उत्पन्न होती है। उत्सुकता के कारण ही हमारे मन में तरह-तरह के सवाल उठते हैं। विज्ञान इन सवालों का उत्तर देने की कोशिश करता है।
                                       
                  सीमा ने कहा, “ठीक है, लेकिन विज्ञान कैसे इन सवालों का उत्तर देता है ?”

शिक्षिका बोली, यह जानने के लिए हमें यह समझना होगा कि वैज्ञानिक किस तरह कार्य करते हैं वे, जिस समस्या का हल खोजना होता है, सबसे पहले, उसका सूक्ष्म अवलोकन करते हैं और उससे सम्बन्धित सभी जानकारियाँ एकत्रित करते हैं। एकत्रित जानकारी के द्वारा वे अपने उत्तर के बारे में कल्पना करते हैं। इस तरह किसी सिद्धान्त की रचना की जाती है। सिद्धान्त की रचना ही सवाल का सबसे अच्छा समाधान होता है। सिद्धान्त की पुष्टि के लिए बार-बार प्रयोग करना पड़ता है, ताकि यह विश्वास होने लगे कि इस समस्या का सबसे अच्छा समाधान यही है।
                     शिक्षिका ने बताया, जैसे सीमा का सवाल है कि वस्तुएँ हमेशा जमीन पर ही क्यों गिरती हैं ? आप रोज देखते हैं कि अगर आप कोई भी चीज हवा में उछाले या फेंकें तो वह जमीन पर गिर जाती हैं। क्या ऐसा हर जगह और हर वस्तु के साथ होता है ? यह जानने के लिए आपको कई तरह की वस्तुओं के साथ विभिन्न स्थानों पर प्रयोग करना पड़ेगा।
         अगर आप ऐसा करें तो पायेंगे कि हर तरह की वस्तु, फूल, पत्थर, सिक्के, कपड़े आदि चाहे जहाँ से गिरायें वापस जमीन पर ही गिरते हैं। इसे देखकर महान वैज्ञानिक सर आइजेक न्यूटन में यह निष्कर्ष निकाला कि पृथ्वी हर वस्तु को गरुत्वाकर्षण के कारण अपनी तरफ खीचती है। जिसकी वजह से प्रत्येक वस्तु पृथ्वी पर गिरती है।

                         
                                     सर आइजेक न्यूटन 
                                       चित्र – 1.1
                                 सीमा अपने प्रश्न का इतना सरल उत्तर पाकर उत्साहित हो गयी।
शिक्षिका सीमा के उत्साह को देखकर बोली कि ज्यादातर उत्तर सरल ही होते है, लेकिन उनके उत्तर या सिद्धान्त पाना अक्सर जटिल होता है। वैज्ञानिक किसी भी समस्या / जिज्ञासा का समाधान प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक विधि के विभिन्न चरणो के द्वारा निष्कर्ष निकालते हैं और उससे समाज को लाभान्वित करते हैं। बैज्ञानिक विधि के विभिन्न चरण हैं-

1. जिज्ञासा / प्रश्न करना      2. परिकल्पना     3.परीक्षण     4. निरीक्षण विश्लेषण / वर्गीकरण      5. अभिलेखन

6. पुनर्विचार    7. निष्कर्ष निकालना


सीमा अब विज्ञान के बारे में और अधिक जानने के लिए उत्सुक थी। उसने पूछा, “विज्ञान ने हमारे जीवन के लिए क्या-क्या किया है ? “

1.1 दैनिक जीवन में विज्ञान की देन

शिक्षिका ने सीमा को चित्रों के माध्यम से दैनिक जीवन में विज्ञान की बजह से आए परिवर्तन के बारे में समझाया। चित्र 1.2 में दिखाये गये साधनों का उपयोग हम दैनिक आवश्यकताओं में करते हैं। कृषि कार्य शीघ्र हो इसलिए ट्रैक्टर व अन्य कृषि यंत्र जैसे प्रेशर मशीन, सिडील हारवेस्टर आदि विज्ञान की ही देन है पर बैठे देश-विदेश की जानकारी मनोरंजन टेलीविजन 4 रेडियो द्वारा किया जाता है। गैस के चूल्हा द्वारा शीघ्र खाना पक जाता है। इससे समय और भम की बचत होती है तथा प्रदूषण भी कम होता है।  यातायात के विभिन्न साधन जैसे रेलगाड़ी, कार, बस तथा वायुयान है जिनके द्वारा कुछ ही घंटों में लम्बी यात्रा तय की जा सकती है। विज्ञान की खोजों के फलस्वरूप ही कृषि यंत्रों, यातायात एवं संचार के साधनों तथा अन्य अनेक प्रकार के साधनों एवं सामग्रियों का विकास सम्भव हो पाया है। विज्ञान ने हमारी बहुत सी समस्याएं जो भोजन, स्वास्थ्य और यातायात से जुड़े हैं, को सुलझाने में सहायता की है। पम्प तथा नहरें सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराती हैं आज उत्तम बीज, उर्वरक तथा कीट नाशक दवाये उपलब्ध हैं। इसी प्रकार मनोरंजन के क्षेत्र में, संचार के क्षेत्र में, चिकित्सा के क्षेत्र में तथा शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान ने अभूतपूर्व योगदान दिया है। समाचार पत्रों और रेडियो द्वारा हमें देश विदेश में हो रही पटनाओं की जानकारी मिलती है। क्रिकेट मैच और देश विदेश में होने वाले विभिन्न समारोहों का सीधा प्रसारण हम टेलीविजन पर देख सकते हैं, टेलीफोन और मोबाइल फोन दरा हम दूर स्थित किसी व्यक्ति से बात कर सकते हैं। यह सभी विकास विज्ञान द्वारा ही सम्भव हो पाये हैं मनुष्य सदा ही अधिक ज्ञान प्राप्त करने और उसका सही रूप में अनुप्रयोग करने के लिए प्रयतनशील रहा है आप भी बहत सी नयी खोजों के बारे में जानने को इच्छुक होंगे।

      

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