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शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सीएम योगी ने कसे पेंच, चार साल का तैयार किया एजेंडॉ

शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सीएम योगी ने कसे पेंच, चार साल का तैयार किया एजेंडा

नई दिल्ली : ‘पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया’… इस सूत्र वाक्य के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ साथ खासतौर से गांवों की शिक्षा व्यवस्था प्रणाली को ठीक करने के निर्देश दिए हैं.

प्रदेश में 77.7 फीसदी आबादी गांवों में रहती है इसलिए योगी सरकार ‘उन्नत भारत अभियान’ स्कीम के तहत ज्यादा से ज्यादा शिक्षण संस्थानों को ग्रामीण इलाके से जोड़ने का प्रयास कर रही है. उत्तर प्रदेश की बीमार शिक्षा व्यवस्था को लेकर हर साल तमाम सवाल खड़े होते रहे हैं, जीर्ण शीर्ण हो चुकी शिक्षा प्रणाली को पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और प्राथमिक शिक्षा विभाग की साझा समीक्षा बैठक की.

Education Department in uttar pradesh

इस बार वैसे भी योगी सरकार यूनिफार्म या किताबें ना बांटते हुए हर बच्चे के अभिभावक के खाते में 1200 रुपये ट्रांसफर कर रही है. साथ ही पैसे आए या नहीं इसकी जानकारी मोबाइल पर मैसेज के जरिए भी भेज रही है ताकि पारदर्शी तरीके से काम हो. योगी सरकार ने अगले चार सालों का एजेंडा तैयार करते हुए पूरे प्रदेश में 5000 अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल खोलने का लक्ष्य रखा है, इसके साथ ही हर जिले में एक मॉडल कंपोजिट स्कूल भी तैयार किया जाएगा.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करना लक्ष्य

योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रदेश में किस तरह से लागू करना है उस पर अपने अधिकारियों से बातचीत करते हुए कहा कि निजी क्षेत्रों के कई शैक्षणिक संस्थान अच्छा काम कर रहे हैं, उनकी अच्छी बातों को सरकारी संस्थानों में भी लागू करना चाहिए. अपने अधिकारियों को चेतावनी भरे लहजे में योगी ने ताकीद किया कि शैक्षणिक संस्थान महज डिग्री बांटने का सेंटर ना बने बल्कि वहां पढ़ रहे बच्चों को रोजगारपरक शिक्षा मिलनी चाहिए. बाहर से इतना निवेश प्रदेश में आ रहा है ऐसी स्थिति में उद्योगों के साथ संस्थानों का बढ़िया समन्वय हो ताकि रोजगार के बेहतर संसाधन प्रदेश के अंदर ही युवाओं को मिल सके.

प्रदेश के कई हिस्सों से प्रॉक्सी टीचरों के पढ़ाने की खबरें आती रही हैं जिसको लेकर योगी काफी सख्त दिखे. अगर भविष्य में ऐसा होता है तो निलंब नहीं सीधे बर्खास्तगी होगी. मुख्यमंत्री का मानना है कि गांव में लघु उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए और इसमें निजी स्कूलों कालेजों को आगे आना चाहिए.

ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों पर जोर

कोविड काल में जिस तरह से बच्चों की पढ़ाई पर खराब असर पड़ा है उसको देखते हुए मुख्यमंत्री योगी ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों की तरह की हाइब्रिड प्रणाली को विकसित करने पर जोर दिया, इसके साथ ही राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण के गठन का निर्देश दिया, साथ ही हर स्कूल में स्मार्ट क्लास और बुक बैंक जरूर होने चाहिए.

हर ब्लाक में 5-6 अभ्युदय स्कूल

आपको बता दें कि यूपी सरकार एक गांव के हर ब्लाक में 5-6 अभ्युदय स्कूल खोलेगी, योगी सरकार ने बजट में इसकी व्यवस्था कर रखी है. मुख्यमंत्री का मेन फोकस प्रयोग आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने का है. साइबर फ्राड से बचने के लिए सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग, डाटा सिक्योरिटी, ट्रैफिक मैनेजमेंट, फायर सेफ्टी जैसी महत्वपूर्ण विषयों को भी रोजमर्रा की पढ़ाई में शामिल करना चाहिए. योगी ने प्रदेश के 27,907 राजकीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास और इन सभी के वेब पोर्टल बनाने के आदेश भी दिए हैं.

पूरे प्रदेश में पांच एजुकेशन जोन

यूजीसी के चेयरमैन रह चुके प्रोफेसर डीपी सिंह ने यूपी की शिक्षा व्यवस्था को कैसे और बेहतर बनाया जाए इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक प्रेंजेटेशन दिया. नई शिक्षा नीति-2020 के मुताबिक केंद्र व राज्य सरकारें शिक्षा के क्षेत्र में देश की 6 फीसदी जीडीपी के बराबर निवेश करेंगे. 2035 तक उच्च शिक्षा में जीईआर को 50 फीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. पूरे प्रदेश में पांच एजुकेशन जोन बनाए जाएंगे जहां नए पुराने संस्थानों का विस्तार होगा साथ ही हर जिले में एक मल्टीडिस्पिलनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी की स्थापना भी की जाएगी ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हर किसी को मिल पाए.

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